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Harvard University में Entry, लेकिन Degree नहीं! भारतीय छात्रों के सपनों पर लगा ब्रेक? भारतीयों के साथ क्यों हो रहा ऐसा?

On: June 10, 2025 11:42 AM
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Harvard University में Entry, लेकिन Degree नहीं! भारतीय छात्रों के सपनों पर लगा ब्रेक? भारतीयों के साथ क्यों हो रहा ऐसा?

Entry into Harvard, but no degree- Harvard University में पढ़ना लाखों भारतीय स्टूडेंट्स का सपना होता है। एक Ivy League institution में एडमिशन मिलना, global opportunities और academic excellence की गारंटी माना जाता है। लेकिन हाल ही में Trump administration के एक बड़े फैसले ने हजारों भारतीय और अन्य international students के इस सपने को तोड़ दिया है। आइए जानते हैं कि क्यों Harvard में एंट्री पाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स को अब Harvard की डिग्री नहीं मिल पाएगी – 5 अहम बिंदुओं में:


1. Harvard का International Student Enrollment अधिकार खत्म!

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p data-start=”676″ data-end=”1333″>एक नाटकीय नीति बदलाव में, US Department of Homeland Security (DHS) ने Harvard के Student and Exchange Visitor Program (SEVP) के तहत international students को enroll करने की ability को रद्द कर दिया है। इस फैसले से Harvard के लगभग 6,800 foreign students सीधे प्रभावित हुए हैं, जिनमें 788 भारतीय भी शामिल हैं। इन सभी को अब US में अपनी legal status खोने का खतरा है, जब तक कि वे किसी और institution में transfer न हो जाएं या यह फैसला वापस न लिया जाए। उन भारतीय स्टूडेंट्स के लिए जिन्होंने Harvard में जगह बनाने के लिए इतनी मेहनत की, यह अचानक आया बदलाव उनके academic future को अनिश्चित बना रहा है।


2. कब और कौन होगा Affected?

Harvard University में Entry, लेकिन Degree नहीं! भारतीय छात्रों के सपनों पर लगा ब्रेक? भारतीयों के साथ क्यों हो रहा ऐसा?
Harvard University में Entry, लेकिन Degree नहीं! भारतीय छात्रों के सपनों पर लगा ब्रेक? भारतीयों के साथ क्यों हो रहा ऐसा?

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यह नई policy retroactive नहीं है। यानी, जो स्टूडेंट्स 2025 में graduate हो रहे हैं—जिन्होंने इस semester अपनी degrees पूरी कर ली हैं—उन्हें अपनी Harvard degrees मिलेंगी। लेकिन यह बदलाव 2025-2026 academic year और उसके बाद के लिए enroll हुए स्टूडेंट्स पर लागू होगा। इसका मतलब है कि जिन भारतीय स्टूडेंट्स को अभी-अभी एडमिशन मिला है या जो अपनी studies के बीच में हैं, उन्हें या तो किसी और institution में transfer होना होगा या US में रहने की अपनी legal permission खोनी पड़ेगी।


3. शर्तें और Controversy

US government ने कहा है कि Harvard international students के लिए host institution के तौर पर अपनी status restore कर सकता है, अगर वह 72 घंटों के भीतर कुछ demands पूरी करे। इन demands में international students के disciplinary records और किसी भी protest activity की audio या video recordings जैसे कई records provide करना शामिल है। Harvard ने student privacy और academic freedom की चिंताओं का हवाला देते हुए comply करने से इनकार कर दिया है। यह गतिरोध university और Trump administration के बीच broader tensions से पैदा हुआ है, खासकर campus protests और diversity policies जैसे मुद्दों पर।


4. भारतीय छात्रों के Academic और Career Plans पर असर

भारतीय स्टूडेंट्स के लिए इसके गंभीर परिणाम होंगे। जो Harvard से अपनी degrees पूरी नहीं कर पाएंगे, उन्हें अपनी student visa status बनाए रखने के लिए किसी और US institution में transfer होना पड़ेगा। यह अचानक आया disruption credits के नुकसान, graduation में देरी और अतिरिक्त financial व emotional stress का कारण बन सकता है। इसके अलावा, Harvard degree से जुड़ी प्रतिष्ठा—जो अक्सर top jobs और आगे की academic opportunities के दरवाजे खोलती है—अब उन लोगों के लिए guaranteed नहीं होगी, जिन्हें transfer होने के लिए मजबूर किया जाएगा। यह uncertainty भविष्य के भारतीय applicants को भी प्रभावित करेगी, जो अब Harvard में apply करने में समय और resources लगाने से पहले दो बार सोच सकते हैं।


5. The Bigger Picture: International Education में बदलता परिदृश्य

यह episode इस बात की एक सख्त चेतावनी है कि overseas education—even दुनिया के सबसे elite institutions में भी—अब सफलता का guaranteed pathway नहीं है। यह policy shift international students पर बढ़ती scrutiny और US में immigration के प्रति बदलते रवैये को दर्शाता है। भारतीय स्टूडेंट्स को विदेश में पढ़ाई का फैसला लेने से पहले risks और बदलते political climate को ध्यान से देखने की सलाह दी जा रही है। जबकि Harvard सिद्धांत रूप में international applications का स्वागत करना जारी रखेगा, भारतीय स्टूडेंट्स के लिए वास्तविकता अब कहीं अधिक जटिल और अनिश्चित हो गई है।


Conclusion

Harvard की international students को enroll करने की ability का रद्द होना भारतीय स्टूडेंट्स के लिए एक अभूतपूर्व स्थिति बन गया है। दुनिया के सबसे prestigious universities में से एक में एंट्री पाने के बावजूद, सैकड़ों स्टूडेंट्स को अब Harvard की डिग्री के बिना वापस लौटना पड़ सकता है। जैसे-जैसे स्थिति विकसित हो रही है, प्रभावित स्टूडेंट्स और उनके परिवार मुश्किल विकल्पों और एक अनिश्चित भविष्य से जूझ रहे हैं। यह episode global education की unpredictability और policy changes के बारे में जागरूक रहने के महत्व को उजागर करता है, जो academic journeys को नाटकीय रूप से बदल सकते हैं।

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