GSTR-3B Filing Deadline- क्या आप भी GSTR-3B की due dates को लेकर confused हैं? कभी 20, कभी 22, तो कभी 24 तारीख… ये confusion आपको भारी पड़ सकता है। हर महीने लाखों business owners इस deadline को miss करने पर भारी late fees और interest भरते हैं। अगर आप एक कारोबारी हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है। चलिए, आज इस confusion को जड़ से खत्म करते हैं और समझते हैं कि आपके लिए GSTR-3B फाइल करने की सही last date क्या है।
Turnover के हिसाब से तय होती है आपकी Due Date (GSTR-3B Filing Deadline)

सबसे पहले और सबसे ज़रूरी बात, GSTR-3B फाइल करने की कोई एक fixed date नहीं है। यह आपके business के सालाना turnover और आपके राज्य पर निर्भर करती है। सरकार ने system पर load कम करने के लिए इसे अलग-अलग categories में बांटा है।
1. जिनका सालाना Turnover ₹5 करोड़ से ज़्यादा है: अगर आपके business का aggregate annual turnover पिछले financial year में ₹5 करोड़ से ज़्यादा था, तो आपके लिए नियम सीधा है। आपको हर महीने की 20 तारीख तक अपना GSTR-3B रिटर्न फाइल करना ही होगा। इसमें कोई confusion नहीं है।
2. जिनका सालाना Turnover ₹5 करोड़ तक या उससे कम है: यहाँ पर business owners को सबसे ज़्यादा confusion होता है। अगर आपका turnover ₹5 करोड़ या उससे कम है, तो आपके राज्य के आधार पर due date तय होती है। इसके लिए राज्यों को दो groups में बांटा गया है:
- Group A (Due Date: 22 तारीख): अगर आपका business इन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में रजिस्टर्ड है, तो आपकी last date अगले महीने की 22 तारीख होगी।
- छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप।
- Group B (Due Date: 24 तारीख): अगर आपका business नीचे दिए गए राज्यों में है, तो आपको रिटर्न फाइल करने के लिए महीने की 24 तारीख तक का समय मिलता है।
- हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, चंडीगढ़, दिल्ली।
Deadline Miss हुई तो क्या? समझें Late Fee का गणित
Due date पर GSTR-3B फाइल न करना आपकी जेब पर सीधा असर डालता है। इसके दो बड़े नुकसान हैं:
- Late Fee: अगर आप पर कोई टैक्स देनदारी है, तो आपको ₹50 प्रति दिन (₹25 CGST + ₹25 SGST) की लेट फीस देनी होगी। अगर आपकी Nil Return है, तो यह फीस ₹20 प्रति दिन (₹10 CGST + ₹10 SGST) लगती है।
- Interest: Late fee के अलावा, आपको अपनी बकाया tax liability पर 18% सालाना की दर से ब्याज भी चुकाना होगा। यह ब्याज देरी के हर दिन के लिए गिना जाता है।
Conclusion: कैलेंडर पर Mark करें अपनी Date!
GST compliance बिज़नेस को smoothly चलाने के लिए बेहद ज़रूरी है। इसलिए, अपने turnover और राज्य के हिसाब से अपनी सही due date को पहचानें और उसे अपने कैलेंडर पर mark कर लें। समय पर रिटर्न फाइल करके आप न सिर्फ भारी जुर्माने और ब्याज से बचेंगे, बल्कि एक ज़िम्मेदार कारोबारी के तौर पर अपनी reputation भी मज़बूत करेंगे। सही जानकारी ही business में आपका सबसे बड़ा C.A. (Competitive Advantage) है!
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