India has right to defend itself: जर्मनी ने दिया भारत को खुला समर्थन: ‘आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा का पूरा हक!’

India has right to defend itself against terrorism- क्या भारत के खिलाफ टेरर फंडिंग और सीमा पार आतंकवाद (cross-border terrorism) को लेकर अब दुनिया का रुख बदल रहा है? जर्मनी ने हाल ही में भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर एक बहुत ही स्ट्रॉन्ग स्टेटमेंट दिया है, जिससे पाकिस्तान की परेशानी बढ़ सकती है। जर्मनी ने साफ-साफ कहा है कि भारत को अपनी आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। तो क्या यह भारत की कूटनीति की बड़ी जीत है? आइए जानते हैं…

WhatsApp
Join Now
Telegram
Join Now

जर्मनी का बड़ा बयान: India has right to defend itself against terrorism

India has right to defend itself against terrorism जर्मनी ने दिया भारत को खुला समर्थन: 'आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा का पूरा हक!' – आखिर क्या है इसका मतलब?
India has right to defend itself against terrorism

हाल ही में, एक बड़े बयान में जर्मनी ने भारत के आतंकवाद के खिलाफ रुख का खुलकर समर्थन किया है। जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल (Johann Wadephul) ने कहा कि हर देश को आतंकवाद से अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) के बाद पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) चला रहा है। इस हमले में 26 बेगुनाह लोग मारे गए थे।

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने भी जर्मनी के इस रुख का स्वागत किया और स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ (zero tolerance) की नीति रखता है और किसी भी ‘परमाणु ब्लैकमेल’ (nuclear blackmail) के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत पाकिस्तान के साथ केवल द्विपक्षीय (bilateral) बातचीत करेगा, और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी।


क्यों अहम है जर्मनी का यह समर्थन?

जर्मनी का यह समर्थन कई मायनों में महत्वपूर्ण है:

  • बढ़ता वैश्विक दबाव: जर्मनी यूरोपीय यूनियन (EU) का एक मजबूत सदस्य है। उसका यह बयान दिखाता है कि पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है।

  • भारत की कूटनीतिक जीत: भारत लंबे समय से दुनिया को सीमा पार आतंकवाद के खतरे के बारे में जागरूक करता रहा है। जर्मनी का यह स्टैंड भारत की इस कूटनीतिक कोशिश को मजबूती देता है।

  • आत्मरक्षा का अधिकार: जर्मनी ने खुलकर कहा है कि भारत को अपनी रक्षा का पूरा अधिकार है, जो पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि अब उसके टेरर कैंप्स को बख्शा नहीं जाएगा।


अतीत के उदाहरण और भविष्य की राह

यह कोई पहली बार नहीं है जब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है:

  • सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक: पुलवामा और उरी जैसे हमलों के बाद भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक इसी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का हिस्सा थीं।

  • ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने फिर दिखा दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं।

जर्मनी जैसे बड़े देश का यह समर्थन भारत के लिए बहुत सकारात्मक है। यह आतंकवाद से लड़ने में भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करेगा और उन देशों के लिए भी एक संदेश है जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। उम्मीद है कि भविष्य में और भी देश भारत के इस रुख का समर्थन करेंगे और आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत वैश्विक मोर्चा बनेगा।


Conclusion:

जर्मनी का यह बयान दिखाता है कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और इसके खिलाफ मिलकर लड़ना जरूरी है। भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अब वैश्विक स्वीकार्यता पा रही है, जो एक सुरक्षित भविष्य के लिए बेहद जरूरी है।

ALSO READ

Vishal Mega Mart Owner- Meme से Success तक: Vishal Mega Mart के मालिक की Unbelievable Story!

Timely Bharat Desk is the dedicated editorial team behind TimelyBharat.com, committed to delivering accurate, well-researched, and timely updates on national affairs, historical insights, policy developments, social issues, and government initiatives. With a focus on facts over noise, our team works tirelessly to ensure every article reflects depth, authenticity, and clarity. Timely Bharat Desk aims to inform, educate, and empower the Indian reader with meaningful content that matters in shaping today’s Bharat.

Leave a Comment